कुछ पल का मिलन भी यादें दे जाता है , शेष पलों में यह गहरी प्यास जगाता है !! कैसा है यह एहसास कैसी ये अनुभूति है , मिटती नहीं चाह ऐसी यह अमृत-वृष्टि है ! चाहता है मन यह मिलन हरपल बार-बार खो जाएँ एक दूजे में, करें प्यार बेशुमार !! . __ किरण Copyright © .. ७/१०/२०१२ .. २०:३३ |
October 8, 2012 at 8:43 PM �
na jaane kaun sa pal maut ki amaanat ho, jinda rahate huye kuchh vaqt gujar jaye kahni.
October 9, 2012 at 1:24 PM �
ये मन बड़ा लालची होता है...
बावला कहीं का....
सुन्दर!!!
अनु
October 10, 2012 at 12:15 PM �
शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.