11:45 PM
दोस्तों
,
आज शाम लगभग ६:३० पर जब मैं पेट्रोल भरवाने गई, वहाँ सड़क के किनारे कुछ
काम चल रहा था , सड़क खुदी पड़ी थी ...कुछ अन्धेरा भी था ... अचानक मेरी
गाडी एक छोटे -से ईंट के टुकड़े पर चढ़कर गिरते-गिरते सम्हली .....मैंने गाडी
रोकर सोचा की उस ईंट को वहाँ से हटा दू , कही कोई और न गिर कर चोटिल हो
जाए !
मैं जैसे ही उस ईंट को उठाने के लिए झुकी , वहाँ मुझे अँधेरे में पड़ा हुआ मोबाइल दिखा , मैंने उसे उठाया ,
देखा ... फिर पत्थर को एक साइड में फेंक कर अपनी भी गाडी साइड में लगाई
.... मोबाइल को फिर से देखा .... मोबाइल अनलाक था .... अहा, क्या खुबसूरत
मोबाइल ... थोडा और ध्यान दिया ..अह्हा !!! नोकिया लुमिया !! ग्रेट यार !!
..... मन का शैतान खींसे निपोर कर हंसा -- " क्या गज़ब मेहरबान हुआ है आज
ईश्वर मुझ पर , क्या गज़ब फीचर है ,,, क्या फोटो-शोटो है ,,, क्या गाने
दिखते है यार ... वाह बेटा मीतु , तेरी तो आज लोटरी लग गई रे .... तेरी तो
सब पर रोब जम गई . !''
मैं उस के फीचर-शीचर लगभग १५ मिनट तक देखती
रह गई ....... दिल ने कहा '' खरीदने वाले ने जाने कितने शौक से इतना मंहगा
मोबाइल खरीदा होगा .....उसे जब पता चलेगा तब कितना परेशान होगा बेचारा
.... नही , नही यह गलत होगा !''
मैंने अपनी उस गन्दी सोच को
धिक्कारा और सोच लिया की किसी भी तरह इस मोबाइल को उसके मालिक तक पहुचाना
ही है ...... कुछ दूर पर ही पुलिस वाले भी खड़े थे किन्तु उन्हें वह मोबाइल
देने का दिल नही किया ..... मैंने गाडी में पेट्रोल भरवाया ..... फिर
पेट्रोल पम्प से ही उसके स्पेशल कांटेक्ट नंबर जो की स्क्रीन पर ही दिख रहे
थे ,उन पर उसी फोन से कॉल किया ..... अपने घर का मैंने एड्रेस बताया और
कहा की '' जिस बन्दे का यह फोन हो उन्हें इन्फोर्म करे की वह इस फोन के
रसीद के साथ ही आये और अपना फोन ले जाए '' !
करीब आधे घंटे के
अन्दर ही एक बंदा अपनी बेटी के साथ ( जो कि करीब २ वर्ष कि रही होगी ) इक
डिब्बा काजू-कतली और चोकलेट लेकर आया .... उसने बताया कि वही पर उसकी
गाड़ी भी स्लीप हुयी थी .... और पत्नी द्वारा दुसरे नंबर पर फोन आने से
पहले तक उसे मालूम ही न था कि उसका फोन गुम भी हो चुका है ..... फिर वह घर
गया , रसीद लिया और यहाँ आया !
वह बहुत खुश था ..... उसकी ख़ुशी
देखकर मुझे एवं मेरे परिवार को भी बहुत खुश हुयी .... उसकी बच्ची बहुत
प्यारी थी , जल्द ही घुल-मिल गई ........ जाते -जाते एक प्यारा -सा रिश्ता
भी बना लिया "मीतु-बुआ " ......:) ---- 21 jan 2012
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comments
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edit
February 15, 2012 at 9:12 PM �
mai hindi me type nahi kar sakta is liye in english your narration is not only touching but it also reflects your intelligence In similar situation I did not do like that and I still feel sorry for that. Actually one day I found a wallet full of currencies in a Mall. the moment I picked up the wallet my hand started trembling of thought that finding wallet in my hand the real owner might perceive me as pick pocket, in nervousness I ran to the cash counter and got it deposited. When I left the place I started doubting the intention of the person on the cash counter and I still feel that the wallet did not reach to the real owner.......
February 19, 2012 at 7:48 PM �
आपने कुछ खोया .. तो .. कुछ पाया !
खोया .. वो वस्तु थी , पाया वो प्यार है !
March 11, 2012 at 11:19 PM �
nice meetuji very nice.................................................................................................................................
March 20, 2012 at 10:12 PM �
meetu ji kuch khone mai kuch pana chipa hota hai or kuch pane mai kuch khona chipa hota hai mgr apke incident se lagta hai apney bahut kuch paya khoya kuch nahi
March 31, 2012 at 1:39 PM �
आपका यह वाक्या पढ़कर बहुत अच्छा लगा..... आप जैसे लोग आज हैं तो इस जहां में थोड़ा बहुत सुकुन है... नहीं तो देखकर वह भी दुःखी होगा... जिसने इस जहां को खूबसूरती से संवारा......
April 14, 2012 at 4:08 PM �
आप का ब्लॉग देखा इस वाकये के अलावा नज्मे भी पढ़ी , आज के इस दोर में बहोत कम लोग है जो आप जेसा सोचते है , बहोत बढ़िया ..... मेरा नाम -- राज द्विवेदी है और में सतना से हु में एक लोकल खबरों की साईड www.satnanews.net चलाता हु अगर हमारी साईड के लिए कुछ लिखे या सुझाव हो तो हमें मेल करे धन्यवाद editor@satnanews.net
April 20, 2012 at 11:44 AM �
really feel vry gud :) u r vry gud person
April 30, 2012 at 4:47 PM �
is tarah se banne wale anudhe riste hamare jindgi ko aur sundar bana dete hai.
May 19, 2012 at 12:49 PM �
जो इतना अच्छा लिखता है, गहराई से सोंचता है उसके मन में इस प्रकार विचार नहीं आ सकते हैं। आप एक महान विचारक हैं। आपने केवल घटना को रोचक बनाने के लिए ही इस प्रकार का लिखा है। भगवान हर किसी को इस प्रकार की गिफ्ट नहीं देता है। आप भाग्यशाली हैं कि ईश्वर ने आप पर अपनी कृपा व अनुग्रह की बौछार की है। आपके उद्गार बहुत ही उच्च कोटि के व दिल को छूने वाले होते हैं।
June 10, 2012 at 9:26 AM �
जाते जाते एक प्यारा सा रिश्ता बना गई ...... मितू बुआ.... दिल को छूनें वाली छोटी सी कहानी आपसे भी एक रिश्ता बना जाती है .