9:21 PM
चले भी आओ न अब तुम ,, कि तुम बिन मेरे ज़ज्बात अधूरे है अभी ... अपने हर ख्वाब को मुकम्मल करने के अरमान अधूरे है अभी ... चाँद है अधूरा-सा और रात भी अधूरी है अभी .... तुम सामने आओ तो हो जाए हर बात पूरी .... मेरे वो ज़ज्बात जिन्हें इज़हार कि मोहलत ही न मिली ....क्योकि .... हम तुमसे न कुछ कह पाए ... तुम हमसे न कुछ कह पाए ~~~ लगता है डर ये.. बात ये दिल की, दिल में न रह जाए ...♥http://www.youtube.com/watch?v=F8K8AQhqeXc&feature=share
December 15, 2011 at 11:38 PM �
करते हैं तुम से...
हर रोज़ मुलाकात.....
होती है बहुत सारी बात...
फिर भी न जाने क्यूँ....
अधूरी सी लगती है......
हर एक मुलाकात.........