11:36 AM
नीले आसमान से,
कपास के पतली बारीक तंतुओं जैसे, धवल बादल से,
कपास के पतली बारीक तंतुओं जैसे, धवल बादल से,
बुने हुए, ओढ़े हुए,
छुपते हुए,
छुपाते हुए,
पंछियों को निहारते हुए,
उस पार से कोई, बैठा है !
सूरज पर भी, चाँद पर भी,
रहता,
घूमता,
कभी छुप जाता, कभी छुपा लेता,
सूरज को, कभी चाँद को.
पंछियों से, पंछियों को,
मिलाते हुए,
खुद को छुपाते हुए,
उधर से निहारता होगा।
क्या कोई होगा ?
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किरण श्रीवास्तव मीतू Copyright ©
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