कानो में पहुंचता उनका सुमधुर सन्देश, दिल पर दस्तक देता कोई निर्निमेष , दिल को बहलाता .. मन को दौड़ाता , मुहब्बत का दिलाता एहसास ......
बढती जाती है प्यार की गहरी प्यास , जगाती उनसे मिलन की आस , मिली है जबसे उनसे नज़र , है अपनी न कोई खबर , हसरतें हो गयी जवाँ , है कितना गजब का ये समां .... एक अलग- सा जज्बात , कितना प्यारा है ये एहसास ....!!
_____ किरण मीतू Copyright © 21nov 2010 |
April 25, 2012 at 10:31 PM �
आपकी कविता दिल की गहरैयो छो जाती किर्पया दोस्त बन्ने का मोका दीजिये
April 26, 2012 at 11:01 AM �
Beautiful poem, god bless u,
Please keep posting always your thought thru your poem.
With best Regards,
May 2, 2012 at 5:35 PM �
ap ki kavitao ma jo derd hai wo muja apna lagta hai.face book khol ker mai ap ki kavita bar bar padhta hun....her bar wo nai lagti hai aur anterman ko jhu jati hai thanx alot.