तुमको छूने की इक,
तमन्ना हैं दिल में !
रख छोड़ी हैं मैंने एक साँस,
उस मंज़र के लिए !!
अपने दिल के हालात,
कैसे बयां करू ?
पलके झुक जाती हैं,
जब सामने आते हो तुम !!
इक बात तुमसे कहनी हैं,
पर कह नहीं पाते !
दर्द-ए-दिल का इजहार,
हम कर नहीं पाते !!
मगर ऐ लख्ते जिगर,
वो बात कह के जाऊँगी !
तेरे दिल में एक धड़कन,
मैं छोड़ के जाऊँगी !!
आखिरी मोड़ तक करुँगी,
तुम्हारा इंतजार !
अब करे चाहे तू इंकार,
चाहे इकरार !!
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February 14, 2011 at 10:22 PM �
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Arvind Patel