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माना,
आपकी बात सही है ,
और आप व्यक्ति भी सही है,
लेकिन
सही बात तो यह है
कि सही बात इस तरह कही नहीं जाती !
पहली बात तो यह
कि सही बात कहने कि
हैसियत भी होनी चाहिए ,
वरना वह बिलकुल गलत बात लगेगी !
फिर समय भी देखना चाहिए,
हर समय सही बात कहने के लिए ,
सही समय नहीं होता !
फिर यह भी तो देखिये
कि कह किससे रहे है,
गलत व्यक्ति से सही बात कहेंगे
तो कैसे निभेंगे ?
तो फिर अपना वक्त देखिये,
और अपना महत्व देखिये,
फिर सामने वाले कि जात देखिये,
और उसकी औकात देखिये ...
सही गलत कि फिक्र
फ़िलहाल रहने दीजिये !!!! __________किरण श्रीवास्तव "मीतू " !!
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October 23, 2011 at 10:29 PM �
किरण जी याद है सत्य बोलने के सम्बन्ध में क्या कहा गया है ..............'सत्यं ब्रूयात प्रियं ब्रूयात न ब्रूयात सत्यं अप्रियम '
या तो बात सही होती है या व्यक्ति सही होता है|
जो होता है वो परिस्थितियों पर निर्भर होता है ||
सही गलत पर "किरण" मत तुम विचार करो |
जो शाश्वत सत्य है उसको स्वीकार करो ||
सही बात तो कभी कही ही नहीं जाती है |
जब भी कही जाती है तो सही नहीं जाती है||
सही बात को स्वीकार करने वाला महान होता है |
कहने वाले की ज़ात/औकात से अनजान होता है ||
सही बात का समय असमय नहीं होता है |
सुनने वाला भी इस फेर में नहीं खोता है ||
गर साहस है सुनने की सही बात " मीतू " |
तो छोड़ दो यह सही गलत किन्तु परन्तु ||
" रमन " हम सब सही और गलत होते है |
परिस्थितियों का दोष दूसरों को ही देतें हैं ||
आकलन करके निर्धारित करना "चित्रगुप्त" का काम है |
सबको याद रख सबको भूल जा जीवन इसी का नाम है ||
ऐसी बानी बोलिए , मन का आपा खोए औरन को सीतल करे , आपहुँ सीतल होए…।”
निंदक नियरे रखिये आँगन कुटी छवाये, बिन साबुन बिन तेल के निर्मल करे सुहाय.
October 24, 2011 at 6:12 AM �
nice na
October 24, 2011 at 6:46 AM �
क्या है हमारी बेचैनी का राज ?.....
.जिसकी योजना से हमारा जन्म हुआ है ,जिस उद्देश्य क़ी पूर्ती केलिए हमारा जन्म हुआ है ...उस कारण में छिपा है यह रहस्य .
.यह भाषण बाजी का नही ..आत्म साक्षात्कार का विषय है ...हम अपने प्रिय संस्कारों के अनुसार ही जी रहे हैं ..हमारी चाह्त और अस्वीकृति वहीं से उपजती है .
.यहीं हम क्रिया -प्रतिक्रिया में उलझे रहते हैं ..मन क़ी अनुकूलता हमें हसाती है ,और प्रतिकूलता दर्द का अहसास देती है
जिन्दगी कविता है ..वह खूबसूरत भी है और कल्याणकारी भी ,पर तभी ,जब उसका व्याकरण और प्रस्तुतीकरण भी सही हो ....--.विवेक